Tata Wistron Deal – रिपोर्ट्स की मानें, तो इस डील के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) ने देश में विस्ट्रॉन (Wistron) की यूनिट में 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बाइंडिंग शेयर परचेज एग्रीम…
Tata Group Wistron India Takeover : देश के नामी उद्याेगपति रतन टाटा (Ratan Tata) की अगुवाई वाले टाटा ग्रुप (Tata Group) ने अमेरिकी टेक कंपनी ऐपल (Apple) के डिवाइसेस की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर विस्ट्रॉन (Wistron) का टेकओवर (Tata Wistron Takeover) लगभग पूरा कर लिया है. इससे ऐपल के आईफोन्स की असेंबलिंग करनेवाली पहली भारतीय कंपनी बन जाएगी.
आईफोन की असेंबलिंग करेगी टाटा कंपनी
ऑटोमोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक का बिजनेस करने वाले टाटा ग्रुप की एक कंपनी पहले ही आईफोन के लिए कंपोनेंट्स की सप्लाई करती है. विस्ट्रॉन के एक्विजिशन के बाद यह कंपनी देश में ऐपल की दो सप्लायर्स फॉक्सकॉन (Foxconn) और पेगाट्रॉन (Pegatron) की तरह आईफोन की असेंबलिंग कर सकेगी.
100% इक्विटी हिस्सेदारी खरीद
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस डील के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) ने देश में विस्ट्रॉन (Wistron) की यूनिट में 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बाइंडिंग शेयर परचेज एग्रीमेंट किया है.
देश में फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन करती हैं आईफोन की असेंबलिंग
टाटा ग्रुप के तमिलनाडु में होसुर के प्लांट में ऐपल के कुछ कंपोनेंट्स बनाये जाते हैं. देश में ऐपल की सप्लायर्स – फॉक्सकॉन (Foxconn) और पेगाट्रॉन (Pegatron) के प्लांट्स में आईफोन 14, आईफोन 15 और इसके अन्य मॉडल्स की असेंबलिंग होती है.
चीन में अपना प्रोडक्शन घटाएगी ऐपल
Apple के बारे में रिपोर्ट्स ये भी आ रही हैं कि कंपनी चीन के दो क्षेत्रों में अपना प्रोडक्शन घटाने जा रही है. भारत में बने आईफोन्स का एक्सपोर्ट 14 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत होने की संभावना जतायी जा रही है.
iPhone 15 मॉडल्स का चीन में प्रदर्शन अच्छा
बता दें कि ऐपल ने मौजूदा तिमाही के लिए अपने सेल्स के पूर्वानुमान से मार्केट को निराश किया है. इससे कंपनी के शेयर में लगभग तीन प्रतिशत की गिरावट भी आयी. ऐपल के चीफ एग्जिक्यूटिव टिम कुक (Tim Cook) ने हाल ही में बताया था कि नये iPhone 15 मॉडल्स का चीन में प्रदर्शन अच्छा है.
आईफोन की सेल्स बढ़ी
वॉल स्ट्रीट की इससे ऐसी आशंकाएं कमजोर हो सकती हैं कि चीन में ऐपल को हुवाई (Huawei) जैसी कंपनियों के कारण मार्केट शेयर गंवाना पड़ रहा है. कंपनी की आईफोन की सेल्स बढ़ी है और सर्विसेज से रेवेन्यू में लगभग एक अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. इस कारण से आईपैड (iPad) और मैक (Mac) की सेल्स में बड़ी गिरावट का असर कम हो गया.
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