CBSE opposes One Nation, One Education Board, says it is necessary to have regional elements in the syllabus | CBSE ने किया वन नेशन, वन एजुकेशन बोर्ड का विरोध, कहा- सिलेबस में रीजनल एलिमेंट्स होना जरूरी

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17 घंटे पहले

CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में देश में वन नेशन, वन एजुकेशन बोर्ड की पॉलिसी लागू करने की याचिका का विरोध किया है। एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में वन नेशन, वन एजुकेशन बोर्ड के तहत देश में सभी स्कूलों में एक बोर्ड और एक सिलेबस को अपनाने के लिए याचिका दायर की थी।

एक जैसा सिलेबस होने से लोकल कल्चर, भाषा से दूर होंगे बच्चे: CBSE
इस पर CBSE ने कहा कि देश भर में पढ़ाई के लिए एक जैसे सिलेबस और बोर्ड होने पर स्टूडेंट्स लोकल कल्चर और भाषा से दूर हो जाएंगे, ये बच्चों के हित में नहीं होगा। CBSE ने कोर्ट में कहा कि देश में बच्चों की पढ़ाई के लिए एक नेशनल फ्रेमवर्क तय किया गया है। लेकिन इस फ्रेमवर्क में भी लोकल कल्चर और भाषा को शामिल करने पर जोर दिया गया है।

CBSE ने ये भी कहा कि स्कूल में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को अगर स्कूल के सिलेबस और अपने आस-पास के माहौल में समानता दिखे, तो इससे उन्हें सीखने में मदद मिलती है। इस वजह से कोर सब्जेक्ट्स के अलावा सिलेबस में रीजनल एलिमेंट्स जरूर होने चाहिए।

राज्य सरकार के पास सिलेबस डिजाइन करने का अधिकार: CBSE
CBSE ने याचिका का विरोध करते हुए राइट टू एजुकेशन एक्ट का भी जिक्र किया। एक्ट के सेक्शन (6) के तहत NCERT (नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग) स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल फ्रेमवर्क तय करती है। इसके अलावा राज्य सरकारों के पास भी स्टेट बोर्ड के लिए सिलेबस और फ्रेमवर्क डिजाइन करने की स्वतंत्रता है।

कोई भी राज्य सरकार चाहे तो NCERT की किताबें पूरी तरह अपने सिलेबस में शामिल कर सकती है या फिर किताबों का कुछ पार्ट भी सिलेबस में ले सकती है।

संविधान के खिलाफ है अलग-अलग सिलेबस का होना: ए के उपाध्याय
वहीं, एडवोकेट ए के उपाध्याय ने कहा है कि देश में CBSE, ICSE और स्टेट बोर्ड्स के अलग-अलग सिलेबस का होना संविधान के खिलाफ है। उन्होंने केंद्र सरकार से वन नेशन, वन एजुकेशन बोर्ड जैसी पॉलिसी के जरिए 12वीं क्लास तक पूरे देश में एक सिलेबस और मातृ भाषा में पढ़ाई का सिस्टम लागू करने की अपील की है।

इस पर जवाब देते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने कहा है शिक्षा संविधान में कॉन्करेंट यानी समवर्ती लिस्ट में है। इस वजह से केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी अपने राज्य के लिए सिलेबस और एग्जाम पैटर्न खुद तय कर सकती हैं।

एडवोकेट ए के उपाध्याय

NCF की गाइडलाइन पर सिलेबस तैयार करती है NCERT
फिलहाल, देश में नेशनल पॉलिसी ऑन एजुकेशन के तहत NCERT के द्वारा गठित नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) स्कूलों का सिलेबस और किताबें डिजाइन करने के लिए गाइडलाइन तैयार करती है। इसके बाद NCERT सिलेबस और सप्लीमेंट्री मटेरियल पर काम करती है। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग और स्टेट काउंसिल चाहें तो NCERT सिलेबस को बिना किसी बदलाव के इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर इस मॉडल पर अपना अलग सिलेबस भी डिजाइन कर सकते हैं।

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