UPSC परीक्षा देश की कुछ सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. कई UPSC एस्पिरेंट्स ये पेपर क्रैक करने में दिन दोगुनी-रात चौगुनी मेहनत करते हैं. कुछ सफल हो जाते हैं तो कई असफल होकर दोबारा तैयारी करने में जुट जाते हैं. अक्सर कई छात्र इस परीक्षा की तैयारी ग्रेजुएशन के साथ कर देते हैं. कुछ ऐसी ही स्ट्रेटजी अपनाई थी आईएएस श्रेष्ठा श्री ने. आइए जानते हैं कि वो तमाम प्लेटफार्म पर यूपीएससी एस्पिरेंट्स को तैयारी के क्या टिप्स देती हैं.
मूल रूप से ओड़िशा की रहने वाली श्रेष्ठा श्री 2022 बैच की IAS हैं. उन्होंने AIR(ऑल इंडिया रैंक) 444 हासिल की हैं. श्रेष्ठा अपने इंटरव्यूज में कहती हैं कि UPSC जैसी परीक्षा में टाइम मैनेजमेंट स्किल्स की बहुत जरूरत होती है. ये हमारे देश के कुछ सबसे मुश्किल एग्जाम में से एक है. तो जाहिर तौर पर समय का सही उपयोग करना ही आपको इसमें सफलता दिला सकता है.
ग्रेजुएशन के दौरान बनाएं ये रूटीन
श्रेष्ठा ने डीयू के मिरांडा हाउस से पॉलिटिक्स साइंस एंड ज्योग्राफी से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की है. श्रेष्ठा बताती है कि ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी को टारगेट किया था. इस दौरान उन्होंने जो सब्जेक्ट पढ़े उससे उन्हें सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी करने में बहुत मदद मिली. उसके बाद श्रेष्ठा ने मास्टर्स के लिए साल 2020 में JNU में खुद को एनरोल किया और पॉलिटिक्स के साथ-साथ इंटरनेशनल रिलेशन सब्जेक्ट चुना.
न्यूजपेपर बना रूटीन
अब आप सोच रहे होंगे कि कॉलेज की पढ़ाई के साथ यूपीएससी के लिए तैयारी कैसे होती है. इस पर श्रेष्ठा कहती हैं कि मैं कॉलेज में रोज 4 घंटे की पढ़ाई के अलावा 6 से 8 घंटे की पढ़ाई करती थी. ग्रेजुएशन के दौरान ही सुबह उठते ही अखबार पढ़ना रूटीन का हिस्सा बना लिया था ताकि एक काम निपट जाए. इसके बाद कोरोना को दूसरे लॉकडाउन के दौरान श्रेष्ठा ने अपने समय को एकदम सही दिशा में इस्तेमाल किया. उन्होंने उस दौरान प्रश्नों के उत्तर लिखने की प्रैक्टिस शुरू कर दी. ग्रेजुएशन में की गई ये तैयारी उनके काम आई.
वो बताती हैं कि जब प्रीलिम्स आने वाला था तो कुछ क्लासेज छोड़नी पड़ी और बाद में सिलेबस को कवर अप कर लिया. इसके अलावा पढ़ाई के समय को भी बढ़ाना पड़ा. अब 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करनी जरूरी हो गई थी. श्रेष्ठा बताती हैं कि क्लासेज में होने वाले डिसक्शन से नोट्स बनाने में बहुत मदद मिलती है. इससे उन्हें अपने जीएस पेपर में बहुत मदद मिली. उन्होंने सीएसडीआर और रायसैना डायलॉग जैसे ऑनलाइन रिसोर्स भी सजेस्ट किए.
सोशल मीडिया से बचें
इसके अलावा उन्होंने कहा कि गैरजरूरी चीजों से थोड़ा बचकर भी आप समय बचा सकते हैं. जैसे सोशल मीडिया पर समय बिताना कम कर दें. इसके अलावा पेपर की तैयारी करते समय बिना वजह बाहर घूमने से बचें.